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Tuesday, 19 February 2008

जोधा- अकबर,अलग,अलग!

जोधा-अकबर, अलग़,अलग़!
जोधा- अकबर फ़िल्म पर भैया!
राजपूतों ने मचाया, ऐसा बवाल...
जंग छिड़ गई देश भर में यकायक!
पहले राजस्थान को लपेटा,
फ़िर लपेटा हर गाँव और हर चौपाल!

हम सब जगह फिरे...मारे,मारे,
कहीं तो जोधा-अकबर मिले इकट्ठे, par
पर ऐसा न होना था; न हुआ!
सब जगह आडे आया राजपूतों का इतिहास,
सब जगह, जोधा-अकब्रर के टूटे फट्टे!

पर ऐसी हार हम कैसे मानें...
हमारी भी तो आन,बान और शान है भैया!
हम राजपूत नहीं, ना सही...
हम जैसे दर्शकों से ही चलती आई,
अब तक फिल्म वालों की नैया!

हमने भेजे एस.एम्.एस.करोडों में ऐसे...
कहानी को बीच से काट कर दिखादो फिल्म को!
क्या फर्क पड़ता है दर्शकों को...
आधी फिल्म में जोधाबाई नाचे,गाए...
आधी में युध्द करता दिखाओ,अकबर को!

राजपूत भी खुश होंगे कि,
उनका इतिहास बच गया छेडखानी से ...
जोधा चाहे कोई भी हो...
अकबर की तो न बेगम न बहू,
जोधा-अकबर दोनों सलामत,
उन्हें अब क्या लेना देना किसीसे?

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