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Tuesday 24 August 2010

शुभ- कामनाएं बहन की तरफ से....

राखी के शुभ अवसर पर....
रक्षा-बंधन का त्यौहार...
आता है साल में एक बार...
राखी के कच्चे धागों में.....
बंध जाता है .....
भाई-बहन का निर्मल, निश्छल प्यार!
रक्षा बहन की करने का संकल्प
भाई करता है बार...बार...
भाई की सुख-समृद्दी
और लम्बी आयु की शुभ-कामना...
बहन भी करती हजार बार....
भाई-बहन के प्यार और त्याग...
की कहानियों से है भरा हुआ....
यह विशाल-विराट संसार...
आज के इस महान अवसर पर...
ये बहना भेज रही....
सभी छोटे व बड़े भाइयों को
ढेर सारा प्यार और
शुभ-कामनाएं अपार!

Sunday 22 August 2010

कविता के दिल का दर्द!

कविता भी बहाती है आंसू!












उस दिन नदी किनारे...
एक पत्थर पर बैठी हुई ...
एक अकेली कविता...
आंखों से बह रहे थे ....
बड़े बड़े मोतियों जैसे आंसू!
झर-झर बहते जा रहे थे...

नदी की बहती धारामें...
समाकर बढ़ रहे थे आगे आगे...
वहां मेरी उपस्थिति...
महसूस की कविताने...
पूछा कैसे हुआ आना यहाँ...
मैं तुम्हे खोजती हुई...
आई हूँ यहाँ...

कविता!...तुम्हारी जरुरत...
कवियों को है....
किताबों को है...
पाठकों को है....
गायकों को है...
संगीतकारों को है.....
श्रोताओं को है...
सभी महफ़िल सजाएं बैठे है....
और तुम यहाँ, इस कदर ...
उदास, खामोश और
आंसू बहाती हुई...

हां! ..मुझे छोड़ दो....
अकेले कुछ देर के लिए....
बहाने दो आंसू...
दिल सब का बहलाती हूँ...
दिल मेरा भी है....
दर्द मैं भी करती हूँ महसूस....
मन में मेरे भी उठती है तरंगे...
मन मेरा भी है!

..और तभी महसूस किया मैंने...
दिल, मन और आत्मा ....
कविता की भी होती है....
हम जाने अनजाने कविता पर....
करते है अत्याचार....
तब आत्मा घायल...
कविता की भी होती है!