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Thursday, 14 February 2008

खूब मनाया वैलेंटाइन डे!

खूब मनाया वैलेंटाइन डे!

वैलेंटाइन डे का था,
हमें दस महीनों से इंतजार...
कब आता है ये डे?
हम यारों से पूछ्ते थे बार-बार!


हालाकि चौदा फरवरी तक ही,
काट कर रखा था हमने अपना कैलेन्डर!
सुना था; इसी दिन मिल जाता है,
प्रेमिका नाम का एक सुंदर 'बवंडर!'


ये भी सुन रखा था कि इस दिन,
जरुरत पडती है,लाल गुलाब की!
दूसरे फूलों को धूल चटाने की,
दिली हसरत होती है लाल गुलाब की!



आखिर यह दिन आ ही गया और...
हम घर से निकल पडे सुबह,सुबह!
महंगा लाल गुलाब भी खरीदा हमनें,
और, पहुंच गए एक ऐसी जगह्!

पहली बार मना रहे थे...
यारों!..हम वैलेंटाइन डे..
चाहिए थी हमें एक अदद प्रेमिका...
हमारे ख़्वाब थे बड़े बड़े!..

किसी दोस्त ने कहा था..
करना पड़ता है अच्छा खासा इंतज़ार..
तभी बुल बुल कोई पास आती है...
आँखें तरेरनी पड़ती है बार बार!

रात होने तक करते रहे इंतज़ार...
पर न प्रेमिका, न उसकी मां ही आई!
चौतरफ देखते रह गए और यकायक...
...हमारी ग़लति हमारे ध्यान आई!

जब एक पत्थर से निकली सुंदरी...
और हमारे गुलाब पर हाथ मारा!
समझ गए हम कि कब्रस्तान है यह्,
भागते रहे तबतक कि,घर आ गया हमारा!


बीत गया वैलेंटाइन डे,
सामने हंस रहा है,फटा कैलेन्डर हमारा!
'अब अगले वैलेंटाइन डे की सोचो...
जानेमन!यही ग़लति न हो दोबारा!....

1 comments:

New Bedford Window Tinting said...

Nice blog thaanks for posting