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Thursday 23 February 2012

मेरे ब्लॉग-पोस्ट की किस्मत खुल गई!







मेरे ब्लॉग-पोस्ट की किस्मत खुल गई......






मैंने लिखा एक ब्लॉग-पोस्ट!

नेताजी की काली करतूते....

वोट मांगने के नए तरीके....

सरकारी खजाने का दुरुपयोग...

झूठे वादे...झूठी कसमों की बाढ....

दबी हंसी मे छिपी....लुच्चाई....

आंसूओं के आवरण में लिपटी...बे-शरमी...

सब शामिल था ब्लॉग-पोस्ट में....

इंतज़ार था तो बस!....एक टिप्पणी का....

टिप्पणियां जब मिल गई...मेरी किस्मत खुल गई !





मैंने लिखा एक ब्लॉग-पोस्ट....

सरकारी अफसरों के काले कारनामें...

रिश्वत-खोरी के नए रूप-रंग...

फाइलों के गुम हो जाने के बारे में...

बिना कारण तबादले होने के बारे में....

पुलिस केस के चलते...

आत्महत्या या एक्सीडैंट के बारे में...

सब कलम बद्ध कर दिया मैंने...

सोच कर कि बस!...एक टिप्पणी जरुर मिलेगी...

कुछ टिप्पणियां मिल गई....मेरी किस्मत खुल गई!



मैंने लिखा एक ब्लॉग-पोस्ट!

व्यंग्य था वेलेंटाइन डे का...

आज के युवा लड़के-लड़कियां...

पाश्चात्य संस्कृति के दीवाने....

दिखावे के प्रेम के परवाने....

उनकी ना समझी को बढ़ावा दे रहे....

उनके माता-पिता...उनके अभिभावक...

खुली आँखों से जो देखा...वही लिखा...

और प्रतिक्रियाएँ जाननी चाही मैंने...

कुछ टिप्पणियाँ मिल गई...मेरी किस्मत खुल गई!



ब्लॉग-पोस्ट की बात करे तो....

टिप्पणियाँ ज्यादा न सही....

....कम तो मिलनी ही चाहिए!

लिखना सार्थक हुआ ऐसा मेरे साथियों...

....ऐसा ब्लॉग लेखक को लगना ही चाहिए!