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Thursday, 10 January 2008

बस! दोस्त ही रहने दो हमें...

अगर अच्छे नही है...
तो... हम बुरे भी नहीं...
जितना कि तुम समझते हो हमें...
दोस्त है तुम्हारे आखिर ,
काम तो आएंगे तुम्हारी मुसीबत में,
बस! एक मौका तो मिले हमें....

कभी तुमसे आँखें मिलाते है,
राह में चलते चलते...

मतलब समझ सकों तो...
तुमसे प्यार तो नहीं है हमें....
कभी दो बातें कर लेते है....

तो क्या हुआ...
हंस भी लेते है कभी...

तो क्या हुआ
क्यों कि,
तुम अच्छे लगते हो हमें....

दोस्त कई है हमारे तुम जैसे...
सबसे होती है...हाय, हैलो!
अभी यहीं रुकना नहीं है हमें....
तुम भी कुछ सोचो हमारी तरह,
सिर्फ दोस्ती का बढाओगे हाथ,
तो ही मज़ा आएगा तुम्हे और हमें...

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