मेरे ब्लॉग-पोस्ट की किस्मत खुल गई......
मैंने लिखा एक ब्लॉग-पोस्ट!
नेताजी की काली करतूते....
वोट मांगने के नए तरीके....
सरकारी खजाने का दुरुपयोग...
झूठे वादे...झूठी कसमों की बाढ....
दबी हंसी मे छिपी....लुच्चाई....
आंसूओं के आवरण में लिपटी...बे-शरमी...
सब शामिल था ब्लॉग-पोस्ट में....
इंतज़ार था तो बस!....एक टिप्पणी का....
टिप्पणियां जब मिल गई...मेरी किस्मत खुल गई !
मैंने लिखा एक ब्लॉग-पोस्ट....
सरकारी अफसरों के काले कारनामें...
रिश्वत-खोरी के नए रूप-रंग...
फाइलों के गुम हो जाने के बारे में...
बिना कारण तबादले होने के बारे में....
पुलिस केस के चलते...
आत्महत्या या एक्सीडैंट के बारे में...
सब कलम बद्ध कर दिया मैंने...
सोच कर कि बस!...एक टिप्पणी जरुर मिलेगी...
कुछ टिप्पणियां मिल गई....मेरी किस्मत खुल गई!
मैंने लिखा एक ब्लॉग-पोस्ट!
व्यंग्य था वेलेंटाइन डे का...
आज के युवा लड़के-लड़कियां...
पाश्चात्य संस्कृति के दीवाने....
दिखावे के प्रेम के परवाने....
उनकी ना समझी को बढ़ावा दे रहे....
उनके माता-पिता...उनके अभिभावक...
खुली आँखों से जो देखा...वही लिखा...
और प्रतिक्रियाएँ जाननी चाही मैंने...
कुछ टिप्पणियाँ मिल गई...मेरी किस्मत खुल गई!
ब्लॉग-पोस्ट की बात करे तो....
टिप्पणियाँ ज्यादा न सही....
....कम तो मिलनी ही चाहिए!
लिखना सार्थक हुआ ऐसा मेरे साथियों...
....ऐसा ब्लॉग लेखक को लगना ही चाहिए!
15 comments:
lekhan to sahi hai , tippani se uska aaklan nahin - kisi n kisi ko wah apni kushalta mein kheench hi lata hai
बधाई
आज की हकीकत को बयां करती रचनाएं अफसर शाही , नेताओं की तानाशाही, और बहकती भटकती युवा पीढी ये भी एक पहलू है समाज का ।
http://urvija.parikalpnaa.com/2012/02/blog-post_25.html
सार्थक प्रस्तुति । मेरे पोस्ट "भगवती चरण वर्मा" पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
waah! kya baat hai ji :):) alag tarh ka luch padne ko mila kaee din baad
मुबारक हो ये पोस्ट ये होली और खूब साड़ी टिप्पणियाँ होली के रंगों के साथ ......
बुरा न मानो होरी है ,
रंगों की बरजोरी है ,
मस्तानों की टोली है ,
सखियों संग ठिठोली है ...
बहुत ही अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर
---------------होली की शुभकामना |
वाह! बहुत सुन्दर.
होली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ.
टिप्पणी का ये खेल हैं निराला
जब मिले ..तो अच्छा लगता हैं
तन ,मन का अंग अंग खिलता हैं
ना मिलने पर ,उदासी का डेरा
जमता हैं
इस लिए हैं विनती ,ना रखो
कोई उम्मीद
बस बढते रहो ,अपनी मंजिल की ओर |...अनु
होली की बहुत बहुत शुभकामनएं .....नई पुरानी हलचल से यहाँ तक आना हुआ ...आभार सुनीता जी का
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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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टिपण्णी दान महादान .अवसाद रोधी होतीं हैं tippaniyaan .
बढ़िया |
आदरणीय डा.अरुणा जी
नमस्कार !
....हकीकत को बयां करती रचना
जरूरी कार्यो के ब्लॉगजगत से दूर था
आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ
waah....bahut accha...
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