उपन्यास' उनकी नज़र, है हम पर ' का लोकार्पण!
यह मेरा पहला उपन्यास है!..प्रकाशक है श्री.शैलेश भारतवासी!... हिन्दयुग्म प्रकाशन के सहयोग से ....११ अगस्त २०१० के रोज इसका लोकार्पण हुआ है!....संसद सदस्य और साहित्यिक माननीय श्री. सत्यव्रत चतुर्वेदी जी ने लोकार्पण किया था!...आयोजक थी श्रीमती मधु चतुर्वेदी... जिनका काव्य-संग्रह 'मधुपर्क ' हाल ही में प्रकाशित हुआ है!
यह मंगल से पृथ्वी पर आने वाले दो परग्रहियों की कहानी है! ....ये दोनों वैज्ञानिक है!....पृथ्वी पर आते ही इनके शरीर के अणु बिखरने शुरू हो जाते है है!... अपने बचाव के लिए फैंगार नामक वैज्ञानिक नाग बन जाता है...और चापेन नामक वैज्ञानिक 'डॉग' बन जता है!.... कैसे?...यह मनोरंजक किस्सा है!
...अमर और अकबर दो बच्चे है...जो १४-१५ आयु वर्ग के है ...मुंबई में रह रहे है...इनका पीछा करता हुआ 'नाग' 'हैदराबाद ' पहुँच जाता है..... और जब यह दोनों श्रीहरिकोटा -स्पेस सेंटर पर पहुँच जाते है तब इन्हें वहां ' डॉग ' मिल जाता है!.... और दो परग्रही इस उपन्यास में कहर ढहा रहे है!...त्रासा और तबाही!
...पूरी कहानी यहाँ बताना संभव नही है!...यह एक बाल उपन्यास है और सभी आयुवर्ग के लिए मनोरंजक है!.... इसकी समीक्षा आप अगर करना चाहे तो मेरे ई-मेल पर संपर्क कर सकतें है!...इससे मुझे अत्यंत ख़ुशी होगी!
पहले मुझे लगा था की इस उपन्यास के बारेमें यहाँ बताना ,विज्ञापन देना गिना जाएगा ..लेकिन कुछ साथी ब्लोगर्स के आग्रह पर मैं यहाँ जानकारी देने की घृष्टता कर रही हूँ!
30 comments:
bahut bahut badhai aruna ji !
बहुत बहुत बधाई
आपको इस उपन्यास के लोकार्पण पर हार्दिक बधाई, जन्माष्टमी की रामराम.
रामराम.
उपन्यास के प्रकाशन और लोकार्पण पर हार्दिक बधाइयाँ
आपकी कृति लोकप्रिय हो और साहित्य एवं समाज के लिए समृद्धि का सोपान बने, ऐसी शुभ कामनाएं......
उपन्यास के लोकार्पण की हार्दिक बधाई ..
बधाई!
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
हिन्दी भारत की आत्मा ही नहीं, धड़कन भी है। यह भारत के व्यापक भू-भाग में फैली शिष्ट और साहित्यिक भषा है।
bahut bahut badhaaee .
इस स्वर्णिम क्षणों के लिए बहुत बहुत बधाई.
आपको इस उपन्यास के लोकार्पण के लिए हार्दिक बधाई. पढ़ने को कैसे मिलेगा ? शैलेश जी से संम्पर्क करता हूँ।
आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत बढ़िया ! उम्दा प्रस्तुती!
आप की रचना 03 सितम्बर, शुक्रवार के चर्चा मंच के लिए ली जा रही है, कृप्या नीचे दिए लिंक पर आ कर अपनी टिप्पणियाँ और सुझाव देकर हमें अनुगृहीत करें.
http://charchamanch.blogspot.com/2010/09/266.html
आभार
अनामिका
परम आदरणीया डा. अरुणा कपूर जी
प्रणाम !
उपन्यास के लोकार्पण पर हार्दिक बधाई !
नहीं , यह धृष्टता नहीं … अपने ब्लॉग पर अपनी बात अवश्य कहनी चाहिए ।
और साहित्यिक गतिविधियों से संबद्ध हर बात को पढ़ना अच्छा ही लगता है । आभार ।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बधाई ।
.
आपको इस उपन्यास के लोकार्पण पर हार्दिक बधाई, ...
इस उपलब्धि पर बहुत-२ बधाई मैम.. ये हम सबके लिए ही गौरव की बात है..
congrats aruna ji...
A Silent Silence : Mout humse maang rahi zindgi..(मौत हमसे मांग रही जिंदगी..)
Banned Area News : Mona Singh To Do Two Films As A Protagonist
आपको इस उपन्यास के लोकार्पण पर हार्दिक बधाई। कहाँ से मिलेगा जरूर बतायें। आभार।
शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
aruna ji
samay our prishram dono aakar grhn kr upnyas ke roop me pathko tk phucha . dua krti hu ye nvjat khoob foole fle our brgad ke vrikchh si viratta grhn ke .bhut bhut shubhkamnaye .
bahut bahut badhai aruna ji...
वाह, अरुणा जी बहुत बहुत बधाई । आप जैसे ब्लॉगर हमारे मित्र हैं जान कर बडा अच्छा लगता है ।
....आप सभी की हार्दिक शुभ-कामनाएं मुझ तक पहुंच रही है....यह महासूस करने की चीज है, जो मै महसूस कर रही हूं!....मै आप सभी की बहुत बहुत आभारी हूं!
उपन्यास के लोकार्पण की बधाई मगर इसका संक्षेप मे पता दे कर बताना बहुत अच्छा लगा अगर विग्यापन भी दिया तो क्या बुरा किया? हर कोई अपनी पुस्तक के बारे मे बताता ही है। बतायेंगे नहीं तो जिग्यासा कैसे होगी?शुभकामनायें
आपके ब्लॉग को आज चर्चामंच पर संकलित किया है.. एक बार देखिएगा जरूर..
बहुत बहुत बधाई अरुणा जी.
बहुत बहुत बधाई!!
यहाँ भी पधारें :-
अकेला कलम...
बहुत-बहुत बधाई, अशेष शुभकामनाएं।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
साहित्यकार-महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें
उपन्यास के प्रकाशन और लोकार्पण पर हार्दिक बधाइयाँ
हार्दिक शुभ-कामनाएं !
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यहाँ पधारे - मजदूर
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