दूरियां बढाती है, आपस का प्यार!
पास आने से मिलती है खुशियाँ...
आपस की सुख- दुःख की बातों कों...गुन-गुनातें हुए...
कह-कहें लगातें हुए...
आँखों में आंसू भर कर...
बिना शब्दों के ही....
सुनने-सुनानेका लंबा सिलसिला!
कुछ लक्ष्य को पाने की बातें...
कुछ ध्येय की चर्चाएँ...
कुछ रास्तें की रुकावटें...
कुछ विजय हासिल करने की गाथाएं...
कुछ अपनी आदतें...
कुछ अपनों की आदतें....
सुनने-सुनाने का लंबा सिलसिला!
इस हप्ते सैर हुई कहाँ की...
कैसी थी जगह..कैसे थे लोग!
भाई मिलने आया था या दीदी...
आज खाने में आया था मजा...
या खानेका मजा हुआ था किरकिरा...
पत्नी उदास थी या रूठे हुए थे पतिदेव..
और भी बहुत कुछ चटाकेदार, धमाकेदार...
...सुनने सुनाने का लंबा सिलसिला...पास आने से मिलती है खुशियाँ...
आपस की सुख- दुःख की बातों कों...गुन-गुनातें हुए...
कह-कहें लगातें हुए...
आँखों में आंसू भर कर...
बिना शब्दों के ही....
सुनने-सुनानेका लंबा सिलसिला!
कुछ लक्ष्य को पाने की बातें...
कुछ ध्येय की चर्चाएँ...
कुछ रास्तें की रुकावटें...
कुछ विजय हासिल करने की गाथाएं...
कुछ अपनी आदतें...
कुछ अपनों की आदतें....
सुनने-सुनाने का लंबा सिलसिला!
इस हप्ते सैर हुई कहाँ की...
कैसी थी जगह..कैसे थे लोग!
भाई मिलने आया था या दीदी...
आज खाने में आया था मजा...
या खानेका मजा हुआ था किरकिरा...
पत्नी उदास थी या रूठे हुए थे पतिदेव..
और भी बहुत कुछ चटाकेदार, धमाकेदार...
ज्यादा नजदीकियां भी...डालती है रंग में भंग...
याद आते है पुराने शिकवे-गिले...
तू-तू...मैं-मैं ...हुई थी...
पिछली बार जब हम थे मिले....
अब बेहतर होगा चुप रहना...
बहुत कुछ कहने के बाद मौन धारण करना...
आँखों से झलकते नाराजगी के इशारें...
और फिर मिलने का वादा..और चलने की तैयारी...
फिर अगले अंक की प्रतीक्षा...
और जारी रहता...वो प्यारा प्यारा
सुनने- सुनाने का लंबा सिलसिला!
आपसी प्रेमभाव बढाने की दिली ईच्छा...
जब जब भी जाग उठे मनमें...
थोडीसी दूरी का दु:ख सहना होगा...
मिलन को मंगलमय 'गर हो बनाना...
कुछ समय...कुछ दूरी को अपनाना होगा...
इन्तजार करने...करवाने में भी है एक मज़ा...
यूँ ही नहीं जीवन-रस कानों में घोलता...
सुनने-सुनाने का लंबा सिलसिला!
25 comments:
हर एक की ज़िंदगी को बहुत सहजता से लिख दिया है...और एक सत्य भी कि बहुत निकटता से प्रेम सूखने लगता है ....थोड़ी दूरी बनाये रखना आवश्यक है...
अच्छी रचना! बहुत खूब!
bahut pate ki bat kahi hai aapne .
kbhi door to kabhi pas .
जिंदगी की छोटी छोटी बाते लेकिन जो हमारे ऊपर कहीं गहरे तक असर डालती हैं कितनी सहजता से लिख दी आपने अपनी कविता में.
आप की रचना 9 जुलाई के चर्चा मंच के लिए ली जा रही है, कृप्या नीचे दिए लिंक पर आ कर अपने सुझाव देकर हमें प्रोत्साहित करें.
http://charchamanch.blogspot.com
आभार
अनामिका
sunane sunaane ka silsila to jiivan bhar chlta rahega...
बहुत अनूठी पर सत्य रचना.
ज्यादा नजदीकियां भी...
डालती है रंग में भंग...
याद आते है पुराने शिकवे-गिले...
तू-तू...मैं-मैं ...हुई थी...
सही बात है सम्बन्धों मे कुछ फासले जरूरी होते हैं
बहुत अच्छी लगी रचना। बधाई
बेहद सुन्दर भाव
regards
कुछ समय...कुछ दूरी को अपनाना होगा...
इन्तजार करने...करवाने में भी है एक मज़ा...
Humse aapki duuri sahi nahi jayegi.
.
बिलकुल सही कहा है आपने अरुनाजी. वाकई दुरिया प्यार बढाती है. मेरा तबादला नाशिक से पूना में हुआ है. मै वहा अकेला रहता हू. मुझे महसूस होता है की दुरिया प्यार बढाती है.
ज्यादा नजदीकियां भी...
डालती है रंग में भंग...
बिलकुल सत्य है.
सम्पूर्ण रचना सुन्दर भाव की
सहज लिखा सत्य ..... दिल को भाता है हमेशा ...
बिना शब्दों के ही....
सुनने-सुनानेका लंबा सिलसिला!.....
डॉ. साहिबा,
क्या बात कही है आप ने......
जब हम बिन कुछ कहे समझने - समझाने लगेंगे....तो बहुत से दु:ख तो खुद-ब-खुद भाग जाएँगे.....
'हिन्दी हाइकु' पढ़ने और लिखने का अभ्यास हमें ज्यादा जीना सिखाता है....
अगर आप भी कुछ दिलचस्पी रखतीं हैं तो जरूर आईएगा.....
पता है.....
http://hindihaiku.wordpress.com
हरदीप
vaah, soch ka ek nayaa rang dikha. sahi kavitaa. dil se nikali baat.
ise to bas theek-thaak bhar hi kahungaa....!!
aruna ji,
bahut hi achchi lagi aapki post jo sachchai ko ujagar karti hai. yah sach hai ki duriyan prem ko ya har rishton me ek apnapan paida karti hain.
poonam
काफी सुन्दर शब्दों का प्रयोग किया है आपने अपनी कविताओ में सुन्दर अति सुन्दर
अभिव्यक्ति का यह अंदाज निराला है. आनंद आया पढ़कर.
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
सुन्दर रचना !
जीवन के कई रंगों को आपने कविता में बडी खूबसूरती से गूँथ दियाहै।
................
पॉल बाबा का रहस्य।
आपकी प्रोफाइल कमेंट खा रही है?.
जीवन की नित्य होने वाली बातों को लेकर कितनी सुंदर रचना प्रस्तुत की है आपने । बहोत खूब ।
bahut sundar sahaj abhivyakti| dhanyavaad|
बहुत सुन्दर रचना...अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर.
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'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.
bahut khub likha hai.........
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