हमें क्या बना दिया है तुमने...
हम जानते है कि हमें ,
दिलसे बाहर कर दिया है तुमने....
एक गहरी सांस की तरह्,
पहले अंदर लेते हुए...
फिर बाहर निकाला है तुमने...
एक नाजुक से पुष्प को,
डाली से तोडकर....
अपने होठो से लगा कर,
किसी और को दे दिया है तुमने...
हम जानते है कि हमें ,
दिलसे बाहर कर दिया है तुमने....
एक गहरी सांस की तरह्,
पहले अंदर लेते हुए...
फिर बाहर निकाला है तुमने...
एक नाजुक से पुष्प को,
डाली से तोडकर....
अपने होठो से लगा कर,
किसी और को दे दिया है तुमने...
खैर! अब तक तो है हम,
किसी और के हाथों में सलामत!
कल हो न हो! जानेमन!
कल की फिकर किसे है अब?
यही तो हमें सिखाया है तुमने...
अब सामने आ आ कर,
हसरत भरी निगाहों से...
यूं हमें तकते रहना तुम्हारा,
अब तो हद कर दी है तुमने…
हम अब बदल नहीं सकतें!
लाख कोशिशें कर लेना तुम...
वापसी नामुमकीन है हमारी,
क्यों कि...समझ लो कि,
हमें गया वक्त बना दिया है तुमने...