आंसू बहा रहे है, बार-बार!
क्या सोचा तुमने कि ...
इस जहाँ से चले गए हम?
एक ऐसी जगह पहुँच गए कि...
वापसी ना होगी, इस जनम?
शक्ल हमारी ना देखोगी कभी...
...और रिश्ते भी हो गए ख़तम?
आमना सामना कैसे होगा भला...
जब राख बन चुके तुम्हारे सनम ?
बिना वक्त गंवाएं तुमने....
थाम भी लिया किसी और का दामन ?
...और मिटा डाला प्यार और दोस्तीका,
हमारा या अपना भरम?
लेकिन जो तुमने समझा था...
...तुम्हारी आंखों का धोखा था यार!
मेहरबानी उस उपरवाले की ...कि,
हम नहीं हुए, हादसे के शिकार!
मौत के मुंह से वापस लाया शायद,
हमें हमारा सच्चा प्यार!
...पर अब दुबारा मर गए हम...
जब कि ख़तम हुआ इंतजार!
दिल को तुम्हारी बेवफाई ने,
आज कर दिया, तार-तार!
अपने जिंदा रहने के ग़म में,
आज आंसू बहा रहे हम; बार-बार!
क्या सोचा तुमने कि ...
इस जहाँ से चले गए हम?
एक ऐसी जगह पहुँच गए कि...
वापसी ना होगी, इस जनम?
शक्ल हमारी ना देखोगी कभी...
...और रिश्ते भी हो गए ख़तम?
आमना सामना कैसे होगा भला...
जब राख बन चुके तुम्हारे सनम ?
बिना वक्त गंवाएं तुमने....
थाम भी लिया किसी और का दामन ?
...और मिटा डाला प्यार और दोस्तीका,
हमारा या अपना भरम?
लेकिन जो तुमने समझा था...
...तुम्हारी आंखों का धोखा था यार!
मेहरबानी उस उपरवाले की ...कि,
हम नहीं हुए, हादसे के शिकार!
मौत के मुंह से वापस लाया शायद,
हमें हमारा सच्चा प्यार!
...पर अब दुबारा मर गए हम...
जब कि ख़तम हुआ इंतजार!
दिल को तुम्हारी बेवफाई ने,
आज कर दिया, तार-तार!
अपने जिंदा रहने के ग़म में,
आज आंसू बहा रहे हम; बार-बार!
10 comments:
सुन्दर अभिव्यक्ति।
माफ़ी चाहूँगा,मुझे जो यहाँ लिखना पढ़ रहा है, वास्तव में नहीं लिखना चाहिए. जितनी जल्द संभव हो सके. बहरहाल, कृपया अपना पूरा नाम व ई-मेल बताएं. इंतजार में; ocean4love@gmail.com
ultateer.blogspot.com
आपका ब्लोग पर हमने अभी तक कोई रचना पढी नहीं है, समय का आभाव है. पर जल्द ही हम कोई प्रतिक्रिया देंगे. शुक्रिया.
अपने मन के भावों को सुन्दर अभिव्यक्ति प्रदान की है।
एक निवेदन कृपया कमेंट बॉक्स से वर्ड वेरीफिकेशन हटा दें, इससे इरीटेशन होता है।
acha likhti hain, lekin maine dekha ki apne june main kuch nahin likha aisa kyo likhna mat chodiye! or haan apne apna email nahin dala hai....
ummid hai ki jald apki rachnayein pad payenge hum
kafi acha likha hain aapne...Par aapne hume sirf apne dard ka bhagidaar banaya hain apni khushiyan bhi blog par share kare acha lagega hamare blog mitr ki kushi pad kar bhi..
Fir milenge
Kamal Mudgal
http://sharehindipoetrygazal.blogspot.com/
bahut khoob,lagta hai dard ka sagar hai aap, lekin jindgi aur bhi bahut kuch hai. aur han, aapke blog ka naam bahut hi khoobsoorat hai.
आंसू बहा रहे है, बार-बार!
very good poem.
सुन्दर रचना...
bahut din ho gaye kuch naya post karo
भावनाओ की अभिव्यक्ति बहुत सुंदर है
नयी कविता की प्रतीक्षा रहेगी
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