जीवन है एक 'चलचित्र'!
हर मनुष्य का जीवन...
एक चलचित्र ही तो है!
जन्म के साथ शरू हो कर...
मृत्यु पर समाप्त होता है!
हर चलचित्र की अवधि...
होती है अलग, अलग..
लेखक,निर्देशक और निर्माता...
एक ही होता है हर चलचित्र का..
वही उपरवाला...परमात्मा!
हर मनुष्य अपने चलचित्र में ...
मुख्य भूमिका निभाता है!
सुख,दु:ख के भावों में...
अपने आप को डुबो कर..
तन्मय हो कर...
कहानी के उलटे और सीधे...
रास्तों से गुजरता हुआ...
चलचित्र को...
समाप्ति के दरवाजे तक...
पहुंचा कर ही दम लेता है!
कुछ मनुष्यों के चलचित्र...
सफलता करते है अर्जित...
'हिट' भी हो जाते है...
पुरस्कारों से भी नवाजे जाते है!
प्रमुख भूमिका निभाने वाला कलाकार..
पाता है प्रसिद्धी...युगों युगों तक भी..
और जब कुछ चलचित्र...
'फ्लॉप' हो जाते है...
और कलाकार की...
होती है विवंचना...
नाकामयाबी का झंडा..
जब उसे थमाया जाता है...
कौन सोचता है कि...
वह तो चलचित्र का...
एक कलाकार मात्र है...
लेखक, निर्देशक और निर्माता...
के इशारों पर थिरक रहा है!
कौन सा चलचित्र होगा 'हिट'
और कौन सा जाएगा 'पिट'
इसकी भविष्यवाणी....
की जाती है...
सिर्फ अटकलें लगा कर...
'हिट' चलचित्र का नायक...
अकलमंद और मेहनती ठहराया जाता है...
और फ्लॉप चलचित्र का नायक..
मंदबुद्धि और आलसी माना जाता है!
चलचित्र बनते रहेंगे...
हिट और फ्लॉप होते रहेंगे...
कलाकार मनुष्य जो ठहरें!... ( फोटो गूगल से साभार)
अपनी हिस्से की भूमिका...
निभाते रहेंगे...निभाते रहेंगे!
हर मनुष्य का जीवन...
एक चलचित्र ही तो है!
जन्म के साथ शरू हो कर...
मृत्यु पर समाप्त होता है!
हर चलचित्र की अवधि...
होती है अलग, अलग..
लेखक,निर्देशक और निर्माता...
एक ही होता है हर चलचित्र का..
वही उपरवाला...परमात्मा!
हर मनुष्य अपने चलचित्र में ...
मुख्य भूमिका निभाता है!
सुख,दु:ख के भावों में...
अपने आप को डुबो कर..
तन्मय हो कर...
कहानी के उलटे और सीधे...
रास्तों से गुजरता हुआ...
चलचित्र को...
समाप्ति के दरवाजे तक...
पहुंचा कर ही दम लेता है!
कुछ मनुष्यों के चलचित्र...
सफलता करते है अर्जित...
'हिट' भी हो जाते है...
पुरस्कारों से भी नवाजे जाते है!
प्रमुख भूमिका निभाने वाला कलाकार..
पाता है प्रसिद्धी...युगों युगों तक भी..
और जब कुछ चलचित्र...
'फ्लॉप' हो जाते है...
और कलाकार की...
होती है विवंचना...
नाकामयाबी का झंडा..
जब उसे थमाया जाता है...
कौन सोचता है कि...
वह तो चलचित्र का...
एक कलाकार मात्र है...
लेखक, निर्देशक और निर्माता...
के इशारों पर थिरक रहा है!
कौन सा चलचित्र होगा 'हिट'
और कौन सा जाएगा 'पिट'
इसकी भविष्यवाणी....
की जाती है...
सिर्फ अटकलें लगा कर...
'हिट' चलचित्र का नायक...
अकलमंद और मेहनती ठहराया जाता है...
और फ्लॉप चलचित्र का नायक..
मंदबुद्धि और आलसी माना जाता है!
चलचित्र बनते रहेंगे...
हिट और फ्लॉप होते रहेंगे...
कलाकार मनुष्य जो ठहरें!... ( फोटो गूगल से साभार)
अपनी हिस्से की भूमिका...
निभाते रहेंगे...निभाते रहेंगे!
6 comments:
जीवन चलचित्र जैसा ही तो है।
सटीक ...
धन्यवाद संदीप जी,धन्यवाद संगीता जी!
हर मनुष्य का जीवन...
एक चलचित्र ही तो है!\
सही कहा है सटीक रचना !
हर मनुष्य को अपनी अपनी भूमिका निभानी है बस !
धन्यवाद सुमन जी!
बहुत सुन्दर। नव वर्ष-2013 की अग्रिम शुभकामनाओं के साथ। मेरे नए पोस्ट पर आपके प्रतिक्रिया की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी। धन्यवाद।
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