....अलविदा!...हम चल दिए...
जाना तो है सभी को एक दिन...
तो हम क्यों न आज ही चल दें...
कहा-सुना- लिखा माफ हो दोस्तों...
आप यहाँ बने रहिए खुशी से...
हमें तो बस इजाजत ही दें....
खाली नहीं है झोली हमारी...
भरी हुई है सुन्दर यादें...
कुछ कमजोर क्षण...
कुछ हास्य के चटपटे व्यंजन..
कुछ जीवन से जुड़े तथ्य...
कुछ मन का सूना पन!
भावनाओं के सागर का खारापन...
शीतल मद-मस्त नदियों की मिठास....
और गैरों से मिला हुआ अपनापन...
सब कुछ बाँध लिया...
विचारों के दृढ़ बंधन में...
लिए जा रहे है संग अपने...
पोटली दिल से लगाए हुए...
पथ तो अब भी है शायद लंबा...
मौसम भी शायद है खुश-मिजाज...
पर हम?...दिल से है कुम्हलाएं हुए....
छोड़ कर जा रहे यादें अपनी...
रचनाओं के फूलों में पिरो कर...
फूल सूख भी जाएंगे तो क्या....
महक बनी रहेगी उम्र भर...
याद आना हंमेशा दोस्तों...
शुभकामनाएं हम दिए जा रहे...
नाम ऊँचा हो आप सबका....
सफलता कदम चुमती रहे,
समय ने अब पुकारा है हमें
...अलविदा!...हम जा रहे!
जाना तो है सभी को एक दिन...
तो हम क्यों न आज ही चल दें...
कहा-सुना- लिखा माफ हो दोस्तों...
आप यहाँ बने रहिए खुशी से...
हमें तो बस इजाजत ही दें....
खाली नहीं है झोली हमारी...
भरी हुई है सुन्दर यादें...
कुछ कमजोर क्षण...
कुछ हास्य के चटपटे व्यंजन..
कुछ जीवन से जुड़े तथ्य...
कुछ मन का सूना पन!
भावनाओं के सागर का खारापन...
शीतल मद-मस्त नदियों की मिठास....
और गैरों से मिला हुआ अपनापन...
सब कुछ बाँध लिया...
विचारों के दृढ़ बंधन में...
लिए जा रहे है संग अपने...
पोटली दिल से लगाए हुए...
पथ तो अब भी है शायद लंबा...
मौसम भी शायद है खुश-मिजाज...
पर हम?...दिल से है कुम्हलाएं हुए....
छोड़ कर जा रहे यादें अपनी...
रचनाओं के फूलों में पिरो कर...
फूल सूख भी जाएंगे तो क्या....
महक बनी रहेगी उम्र भर...
याद आना हंमेशा दोस्तों...
शुभकामनाएं हम दिए जा रहे...
नाम ऊँचा हो आप सबका....
सफलता कदम चुमती रहे,
समय ने अब पुकारा है हमें
...अलविदा!...हम जा रहे!