a href="http://hindiblogs.charchaa.org" target="_blank">हिंदी चिट्ठा संकलक

Friday 31 October 2008

एक ज्योत जलाई हमने भी तुमने भी

मिल कर हमने..एक ज्योत जलाई...

अमावस की अंधेरी-काली रात...
मिल भी नहीं रही थी...
नजरों से नजरें...
थरथराते होंठो की झलक...
सिर्फ़ दिलसे,
महसूस कर रहे थे...
हम भी; तुम भी!
उजाले की .....
एक लकीर की भी...चाहत नहीं थी;
न हमें...न तुम्हें.....

फ़िर भी आंखे तरस रही थी...
अंधेरे को चीरने के लिए...

कुछ होने जा रहा था...
कुछ रुकावटें... पुर -जोश...
आधा अधुरा ही कुछ हुआ जूं ही....
बैचैनी के बढ़ते आलम के बीच...
फंसे हुए थे...हम भी; तुम भी!





फिर जलाई तुमने...
माचिस की एक तीली...
हडबडा गए हम भी अचानक से...
एक कागज़ का तुडा-मुडा टुकड़ा...
सटाया हमने, उस जलती लौ से...
आग की एक लपट ...
फ़िर धुँआ धुँआ !
फ़िर सहम कर संभल गए.....
हम भी; तुम भी!


फ़िर होठों पर हलकी सी मुस्कान लिए...
उस पल...उम्र भर साथ निभाने की...
वो कसमें...तहे दिलसे...
देर तक खाते रहे.....
हम भी, तुम भी!

Friday 10 October 2008

चला जाऊँगा मैं

S...चला जाऊँगा मैं...S

" सोच क्या रहे हो अब ओल्ड मैन?

अब मरना तो पड़ेगा ही तुम्हें!

बहुत जी लिए अब बाउजी ...

अब इस दुनिया से तो, जाना ही पड़ेगा तुम्हें!

अब जो कुछ है तुम्हारा...

सब हो कर रहेगा हमारा...

साइन कर दो इस स्युसाइड नोट पर ....

इतना तो करना ही पड़ेगा तुम्हें!

चलो, देर मत करो मेरे आका!

ये सामने पड़ी जहर की शीशी....

जल्दी से गटक कर, अभी इसी वक्त...

तत्काल दम तोड़ना है तुम्हें!

तुम्हारी धन-दौलत की चिंता...

अब हमारे हवाले कर दो फ़ौरन!

गोड का नाम लेना ही ठीक है....

अब जाते जाते तुम्हारे लिए! "

" यह तो बहुत अच्छा ही हुआ...

जाने के लिए , बिल्कुल तैयार हूँ मैं!

मेरे जाने का इंतजाम किया चिरंजीवी!

आज तो बहुत ही खुश हूँ मैं!

तुम्हें पढाया , लिखाया, खिलाया...

इन सब का मीठा फल पाया...

खुशी इतनी मिली है मुझे आज तो...

कि बिना जहर पीए ही दम तोड़ दूँ मैं!

..लेकिन अन्तिम इच्छा बाकी है मेरी...

अगर पुरी कर सको तो मेरे प्यारों!

सोने पे सुहागे का काम हो के रहेगा ...

...और ठंडक दिल में लिए जाऊँगा मैं!

जानते ही हो तुम मेरे दिल के टुकडो!

...कि शुगर की बिमारी से ग्रस्त हूँ मैं!

250 ग्राम बटर-स्कोच आइस-क्रीम....

जहर के बदले खिला दो तो...

तुम्हें दुवाएं दे कर... दम तोड़ दूंगा मैं!"